Hahnemann Ki Aawaz Posted on 21 – 02 – 2013
मानसिक परिश्रम से हो बेचैनी आराम आप लें नैट्रम कार्ब का ही नाम।
गहरी नींद से जब हो सुस्ती मेजेरियम दे उसे चुस्ती।
जो अधिक मात्रा में औषध खाना चाहे उसके हाथ ‘‘केक्टसगरेडिफोलियस’’ थमायें।
‘‘प्रतिशोध की योजना’’ जो कोई बनाये ‘‘एगरिकस मसकेरियस’’ उसे दूर भगाए।
शीघ्र ही मर जाऊँगा हो मृत्यु भय ‘‘एग्नस केस्टस’’ बनाता उसे निर्भय
वीर्यपतन के बाद आवे सुस्ती ‘कस्टिकम’ तब लावे चुस्ती ‘
‘मासिक के प्रथम दिन में हिस्टिरिया रेफनस दिखाई इस पर क्रिया।
जब अकेले हो, कुछ होगा, ऐसा हो भय रेटेनहिया बनाता उसे निर्भय।
मृगी के पूर्व ही विस्मरण कस्टिकम को करें स्मरण।
झुक कर बैठने पर उद्धिग्न मन रस टक्स को करे स्मरण।
जब भ्रम हो कि विवाह हुआ हमारा, तो अवश्य लें इग्नेशिया हमारा
दुख भरे गीतों से दूर हो गम तब स्मरण करें केवल मैंगनम
होम्योपैथी में अधिक दवाई प्रयोग करने से, रोगी के पीछे अधिक मेहनत करना श्रेयस्कर है।
गन्तव्य स्थान तक जाने को हो बेदम तो प्रयोग करें अजेर्न्ट नाइट्रिकम।

डा. शंकर दास थरेजा
409, गांधी चौंक,
सदर बाजार करनाल।